बलदेवा राम पशु मेला - चैत्र के महीने में आयोजित (मार्च / अप्रैल) मेड़ता सिटी में हर, इसका इतिहास 36 साल पहले की तारीख जब इस मेले महान किसान नेता श्री बलदेवा राम मिर्धा की स्मृति में शुरू किया गया था. नागौरी मवेशियों के नस्ल यहाँ बहुतायत और पशु प्रतियोगिताओं में कारोबार कर रहे हैं निष्पक्ष जो ग्रामीण राजस्थान की एक झलक प्रदान करता है की सबसे बड़ा आकर्षण हैं. |
वीर तेजाजी मेला - दूसरा सबसे बड़ा मेला परबतसर पर श्रवण (अगस्त / सितंबर) के महीने में हर साल आयोजित की . यह मुख्य रूप से एक पशु मेला है, लेकिन दिनचर्या बातें भी खरीदा बेच रहे हैं. इसका इतिहास वापस तिथियाँ पूर्व आजादी के वीर तेजाजी सांप, बिच्छू और मच्छरों के खिलाफ रक्षक के रूप में जाना जाता है यह कहा जाता है कि इस मेले के 15 दिनों के दौरान इन सरीसृपों के मेले में कहीं भी देखा जा नहीं हैं. लोगों का मानना है कि वीर तेजाजी बचाता है उन्हें इन परजीवी सरीसृप काटने againts. |
क्या आपको हमारा किया जा रहा प्रयास अच्छा लगा तो जरूर बताइए.