कम्प्यूटर हेतू निवेश/निर्गम उपकरण Input/Output Devices For Computers
वैसे जो कम्प्यूटर में जो डाटा डाला जाता है उसे इनपुट कहते है. इसी प्रकार आउटपुट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे मशीन द्वारा पठनीय रूप में उपलब्ध सूचना को ऐसे रूप में बदला जाता है जिसे हम समझ सके. संसाधन के पश्चात प्राप्त परिणाम को आउटपुट कहा जाता है.
अब हम सामान्य रूप से उपलब्ध कुछ इनपुट/आउटपुट डिवाइसेज के बारे में चर्चा करेंगे.
एक विशेषाकर अथवा विशेष चिन्ह जो स्क्रीन पर उपयोगकर्ता कि स्थिति बताता है और जिससे उसे ज्ञात होता है कि जो टाइप करेगा वह स्क्रीन पर कहाँ लिया जायेगा, उसको कर्सर कहा जाता है. इस कर्सर के बहुत सारे रूप होते यह बहुत तरह के अपने रूप लेकर हमारे सामने कम्प्यूटर कि स्क्रीन पर आता है.
कम्प्यूटर निवेश उपकरण
की-बोर्ड – Keyboard :
Keyboard |
की-बोर्ड एक सामान्य महत्त्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है. हम सभी इससे सुपरिचित है. इसकी कुंजियाँ टाइपराइटर कि कुंजियों कि तुलना में आसानी से दबती है. यदि एक कुंजी (बटन) को अधिक देर तक दबाए रखे तो वह अक्षर पुन:पुन: टाइप करता रहेगा. की-बोर्ड केबल के द्वारा सिस्टम यूनिट से जुड़ा रहता है. सामान्यतः इसमें १०१ से १०८ तक बटन होते है. इस पर सभी अक्षर संख्याएँ तथा अन्य चिन्ह होते है, जिनसे डाटा इनपुट किया जाता है.
कीबोर्ड के उपरी भाग में एस्कैप कि, फंक्शन कीज f1- f2 तक, प्रिंट स्क्रीन, न्यूमेरिक लॉक, कैप्स लॉक, स्क्रोल लॉक कीज होती है.
टाइपराइटर कि तरह इसमें A से Z तक अंग्रेजी वर्णमाला होती है.
इनके अलावा इसमें कैप्स लॉक, शिफ्ट कीज, रिटर्न या एंटर की, बैक-स्पेस की, टैब की, होम की, एण्ड की, पेज अप व डाउन की, इन्सर्ट व डिलीट कीज, कर्सर कंट्रोल कीज.
अंक-पैड |
अंक-पैड – की-बोर्ड में दायीं तरफ संख्याओं कि कीज होती है.
माउस –
यह एक इनपुट डिवाइस है, जिसे वी.डी.यू. के साथ उपयोग में लिया जाता है.यह एक बॉक्सनुमा उपकरण है जिसके निचे एक छोटी गेंद तथा ऊपर दो या तीन बटन होते है. इसे मेज की सतह पर हाथ से इधर-उधर सरकाया जाता है. केबल की सहायता से यह सीपीयू से जुड़ा होता है.सतह पर स्थित माउस के संचलन को स्क्रीन पर दर्शाने के लिए एक तीरनुमा चिन्ह अथवा कोई चिन्ह स्क्रीन पर होता है, जिसको हम माउस पॉइंटर कहते है.
ऑप्टिकल मार्क रीडर
यह एक डाटा इनपुट विधि है, जिसकी सहायता से कागज पर बने चिन्हों को कम्प्यूटर पढ़ सकता है.
आप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन
OCR को किसी समय में कम्प्यूटर कि हर INPUT समस्या का एकमात्र माना जाता है. वर्तमान समय में OCR का उपयोग WORD PROCESSING APPliCATION में होने लगा हा जिसमे टाइप किए हुए डॉक्युमेन्ट कम्प्यूटर द्वारा स्वत: ही पढे जा सकते है.
मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन
डॉक्युमेंट पर चुम्बकित स्याही से छपे हुए DOCUMENTS का प्रयोग करते हुए कम्प्यूटर डेटा पढता है. इसके अतिरिक्त इसमें व OCR में अन्य कोई अंतर नहीं है. magretic ink character reader इस डेटा को इनपुट के तौर पर ग्रहण करता है. इसके लिए कुछ विशेष प्रकार के फॉण्ट बनाये गये है जो विशेष प्रयोजनों के लिए हि प्रयोग में लिए जाते है.
स्कैनर
स्कैनर एक मशीन होती है जिसके द्वारा किसी छपी हुई सामग्री यथा चित्र आदि को डिजिटल रुप में बदला जाता है। छपी हुई सामग्री को स्कैनर के ऊपर रखने पर उसका डिजिटल चित्र् स्कैन करके कम्प्यूटर में आ जाता है जिसे आवश्यकतानुसार सम्पादित किया जा सकता है।
कम्प्यूटर टर्मिनल
विजुअल डिस्प्ले यूनिट
कम्प्यूटर निर्गम के प्रकार –
प्रिंटर – प्रिंटर एक अत्यधिक सामान्य निर्गम उपकरण है. प्रिंटर साधारण कागज पर प्रिंट कर सकते है या विशेष रूप से तैयार किये गये कागजो पर भी. प्रिंटर १५० से २,५०० पंक्ति प्रति मिनट प्रिंट करने कि क्षमता रखते है, प्रत्येक पंक्ति में १३२ अक्षर तक अंतर्विष्ट हो सकते है.
प्रिंटरो के प्रकार :--
इम्पेक्ट प्रिंटर à कागज पर अक्षर बनाने के लिए, स्याही युक्त रिबन से कागज पर स्थानांतरित करने हेतू, एक प्रकार का प्रहार करने का उपकरण प्रयुक्त होता है. मुद्रित प्रिंट एक या डॉ विधियाँ द्वारा बनते है. à कैरेक्टर प्रिंटर विधि, डॉट मैट्रिक्स विधि.. इम्पेक्ट प्रिंटर के प्रकार à सीरियल प्रिंटरडॉट मैट्रिक्स प्रिंटर, डॉट मैट्रिक्स विधि, डेली व्हील प्रिंटर, लाइन प्रिंटर, चैन प्रिंटर, ड्रम प्रिंटर
नॉन इम्पेक्ट प्रिंटर à यह प्रिंटर अक्षरों को रासायनिक या इलेक्ट्रोनिक माध्यम से रूप देते है. इसके प्रकार निम्न है. जैसे à तापीय प्रिंटर, इंक जेट प्रिंटर, लेसर प्रिंटर आदि.
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