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भारतीये थल सेना की संरचना


थलसेना
विश्व में स्थान - चौथा
थल सेना का प्रमुख - थल सेना अध्यक्ष (एक उप सेनाध्यक्ष और पांच अन्य)
कमान - सात

कमान         मुख्यालय
उत्तरी      -    56, ए.प.ओ.(ऊधमपुर)
दक्षिणी  -   पुणे
मध्यवर्ती  -  लखनऊ
पूर्वी      - कोलकत्ता
पश्चिमी   -  चंडी मन्दिर , चण्डीगढ़
प्रशिक्षण  -  शिमला
दक्षिणी-पश्चिमी -  जयपुर

प्रत्येक कमान लेफ्टिनेंट जनरल की कोटि के अधिकारी जनरल ऑफिसर कमाडिंग-इन-चीफ के अधीन होता है
कमान क्षेत्रो और उप-क्षेत्रो में बंटे रहते है जो मेजर जनरल एवं ब्रिगेडियर के अधीन होते है
थलसेना के अधीन विभिन्न सेनाए
दि प्रेसिडेंटस् बोडीगार्ड
रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी
इन्जीनियर कोर
सिग्नल कोर
मिलिटरी नर्सिंग सर्विस
आर्मी मेडिकल कोलेज
इलेक्ट्रिक एवं मैकेनिकल इंजनियरिंग कोर
आर्मी एजुकेशन कोर
इंटेलिजेंस कोर
मिलिटरी पुलिस कोर
आर्मी फिजिकल ट्रेनिग कोर
पायनियर कोर
आर्मी पोस्टल सर्विस कोर
डिफेन्स सिक्योरटी कोर


थल सेना की प्रमुख रेजिमेंट

ब्रिगेड ऑफ दि गार्ड्स
राजपुताना राइफल्स
पंजाब रेजिमेंट
सिक्ख लाइट इन्फैंट्री
डोगरा
गोरखा
राजपूत
महार
गढवाल
जम्मूकश्मीर
जम्मूकश्मीर लाइट इन्फैंट्री
जाट
ग्रिंनेडियर
बिहार
असम
नागा
कुमायूँ


सैन्य संरचना
सेक्शन  - सेना की सबसे छोटी टुकड़ी (८ से ११ जवान)
प्लाटून  - तीन सेक्शन से मिलकर (प्लाटून जूनियर कमीशंड ऑफिसर)
कंपनी  -  यह तीन इन्फैंट्री प्लाटून से मिलकर (कमीशंड ऑफिसर)
बटालियन  - पैदल लड़ाकू (लेफ्टिनेंट कमांडर)
ब्रिगेड  - तीन इन्फैंट्री बटालियन को बनाकर (ब्रिगेडियर)
डिविजन  - तीन ब्रिगेड को मिलाकर (मेजर जनरल)
कोर  - यह दो या तीन डिवीजनो को मिलाकर (लेफ्टिनेंट जनरल)

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