थार रेगिस्तान विश्व का सातवां सबसे बड़ा रेगिस्तान
थार रेगिस्तान विश्व का सातवां सबसे बड़ा रेगिस्तान होने के साथ ही निःसंदेह हिंद-प्रशान्त क्षेत्रा का सबसे कम आबादी वाला पारिस्थितिकी तंत्रा है। इसे ‘ग्रेट इंडियन डिजर्ट’ के नाम से भी जाना जाता है। थार रेगिस्तान का नामकरण पाकिस्तान के सिंध प्रांत के एक जिले ‘थारपारकर’ के नाम पर दिया गया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में यह क्षेत्रा चोलिस्तान के नाम से भी जाना है। थार रेगिस्तान का क्षेत्राफल 259,000 वर्ग कि.मी. है तथा इसका 69 प्रतिशत भाग भारत के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित है। यह भारत के चार प्रदेशों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा गुजरात में फैला हुआ है। इस रेगिस्तान का अधिकांश क्षेत्रा, लगभग भारतीय थार क्षेत्रा का 60 प्रतिशत हिस्सा पश्चिमी राजस्थान में स्थित है। थार रेगिस्तान भारत-ईरान शुष्क क्षेत्रा का हिस्सा है जो केस्पियन सागर तक फैला है। भारत-ईरान शुष्क प्रदेश के अंतर्गत अनेक रेगिस्तान आते हैं जिनमें से थार रेगिस्तान भी एक है। यह रेगिस्तान अन्य क्षेत्रों से चौड़ी उपजाऊ घाटियों (सिंधु नदी तथा उसकी सहायक नदियों) द्वारा अलग होता है।
यह स्थल अपने ऊंचे रेतीले टीलों के लिए प्रसिद्ध है। थार रेगिस्तान में कोई-कोई टीेले तो 150 मीटर तक ऊंचे होते हैं। इस रेगिस्तान के कुछ ही हिस्सों में रेत के सक्रिय टीले मिलते हैं। अधिकतर यहां बालू के टीले असक्रिय होते हैं। लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह टीले अस्थाई होकर स्थान परिवर्तन करते रहते हैं। इस क्षेत्रा में ‘परवलयाकार’ (पेराबोलिक) टिब्बा भी होता है। यह निश्चित रूप से अस्वाभाविक परिघटना है। इन विशेष प्रकार के रेत के टीलों के कारण निरंतर तेज हवाएं चलती हैं।
यहां की जलवायु अत्यंत विषम है। यहां ठंड में तापमान हिमांक बिंदु तक चला जाता है। वहीं गर्मियों में पारा 50 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। थार रेगिस्तान में बारिश दक्षिण-पूर्वी मानसून के कारण होती है। इस क्षेत्रा में जुलाई से सितंबर के दौरान 100 से 500 मि.मी. बारिश हो सकती है। मई तथा जून के महीनों में यहां रेतीली आंधी आती है और जिसकी गति 150 कि.मी प्रति घंटा तक होती है। भारतीय सीमा वाले थार रेगिस्तान में वर्षा की औसत वार्षिक मात्रा 345 मि.मी. तक होती है। यहां वर्षा की मात्रा पश्चिमी भाग में 100 मि.मी. तक तो पूर्वी सीमा के निकट यह 400 मि.मी. तक हो जाती है। इन रेगिस्तान का कुछ क्षेत्रा सतलज नदी द्वारा सिंचित होता है। यहां पर कोई स्थानीय किस्म के नागफनी और पाम के पौधे नहीं मिलते। थार रेगिस्तान में रेत के विशाल स्थल के बीच चट्टानी पहाड़ियां तथा बजरी के समतल क्षेत्रा भी होते हैं। भारत में राजस्थान का थार रेगिस्तान संसार का सबसे रूखा रेगिस्तान होने के साथ ही सर्वाधिक बसावट वाला गर्म रेगिस्तान है। इतनी कठोर जलवायु के बावजूद
प्रयास तो अच्छा है लेकिन प्रमाणित साक्ष्य भी साथ देना चाहिए ताकि आंकड़े कहाँ से लिए हैं इसका साक्ष्य मिले ।
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