- पंचमहादेव : यहाँ नीलकण्ठ, बेजड़नाथ, गुप्तेश्वर, सहजनाथ व सोमनाथ के मंदिर स्थित है।
- मेहन्दीपुर बालाजी : आगरा-जयपुर राजमार्ग पर स्थित बालाजी के इस मंदिर में स्थापित मूर्ति पर्वत का ही एक अंग है। इस मूर्ति के बायीं ओर एक पतली जलधारा निरन्तर बहती रहती है। ऐसी मान्यता है इस मंदिर की मूर्ति भूधराकार है यानि प्रकृति निर्मित है। मूर्ति के चरणों में स्थित छोटी सी कुण्डी का जल कभी नहीं सूखता। भूत-प्रेत पीड़ा से पीड़ित नर-नारियों का यहाँ हर वर्ष तांता लगा रहता हैं।
- आभानेरी (दौसा) : पंचायतन शैली में निर्मित हर्षद माता के मंदिर के लिए आभानेरी (दौसा) प्रसिद्ध है। यह मंदिर गुर्जर प्रतिहार काल का उत्कृष्ट नमूना है। यह मूलत: विष्णु भगवान का मंदिर है, जिसमें चतुर्व्यूह विष्णु भगवान की मूर्ति एवं कृष्ण-रुकमणि के पुत्र प्रद्युम्न की मूर्ति स्थापित है।
- झाझेश्वर महादेव मंदिर (दौसा) : इस मंदिर में एक ही जलहरी में 121 महादेव हैं। यहां निर्मित गौमुख से सर्दियों में गरम पानी तथा गर्मियों में ठण्डा पानी बहता है।
- नाथ सम्प्रदाय का गुरुद्वारा : हींगवा (दौसा)।
क्या आपको हमारा किया जा रहा प्रयास अच्छा लगा तो जरूर बताइए.